ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन (खड़े होने पर लो बीपी)

Posted on: 11 Oct 2025

ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन (खड़े होने पर लो बीपी)

ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन (खड़े होने पर लो बीपी)

यह स्थिति क्या है?

ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन एक आम कारण है लो बीपी का, विशेष रूप से ऐसे लोगों में जो सामान्यतः स्वस्थ होते हैं और किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित नहीं होते। इस स्थिति में, मरीज़ लेटे हुए आरामदायक महसूस करते हैं। जब वे लेटी हुई स्थिति से उठते हैं, तो उन्हें चक्कर आने लगता है क्योंकि बैठने या खड़े होने पर बीपी गिर जाता है। लेकिन लगभग 5 मिनट में मरीज़ फिर से आराम महसूस करने लगते हैं और चक्कर आना बंद हो जाता है।

ऐसा क्यों होता है?

निम्नलिखित कारणों से ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन हो सकता है:

  • कुछ बीपी की दवाइयाँ
  • बुखार और शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
  • न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे पार्किंसन की बीमारी
  • लंबे समय से डायबिटीज़ के मरीज़ जिनको न्यूरोपैथी हो गई हो

इस स्थिति का प्रबंधन कैसे करें?

ऑर्थोस्टैटिक हाइपोटेंशन का इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:

  • डिहाइड्रेशन को सही करना
  • जो दवाइयाँ समस्या पैदा कर रही हैं, उन्हें बदलना या समायोजित करना
  • डायबिटीज़ और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से जुड़ी न्यूरोपैथी का इलाज करना
  • लेटी हुई स्थिति से धीरे-धीरे उठकर पहले बैठना और फिर 30 सेकंड से 1 मिनट तक बैठने के बाद खड़ा होना — यह तरीका इस स्थिति में लो बीपी और चक्कर से बचाव के लिए सबसे ज़रूरी है।
  • सीधे लेटने की स्थिति से बिना बैठे खड़ा होना हमेशा टालना चाहिए।