कोविड से ठीक हो रहे मरीज कई तरह की जटिलताओं का सामना कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है ब्लैक फंगल इन्फेक्शन।
ब्लैक फंगल इन्फेक्शन क्या है?
मेडिकल भाषा में इसे म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) कहते हैं। यह एक दुर्लभ फंगल इन्फेक्शन है, जो कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है।
यह इन्फेक्शन कैसे होता है?
यह इन्फेक्शन एक विशेष प्रकार के फंगस समूह से होता है जिसे म्यूकोर मोल्ड्स (Mucor Moulds) कहते हैं। इसमें 27 प्रकार के मोल्ड्स शामिल होते हैं, जिनमें सबसे आम राइजोपस (Rhizopus) नामक फंगस होता है।
क्या यह कोविड की तरह कोई नया इन्फेक्शन है?
म्यूकोर मोल्ड्स आमतौर पर मिट्टी, पौधों, गोबर और सड़े-गले फलों व सब्जियों में पाए जाते हैं। यह एक काले और सफेद रंग की रूई जैसी फंगस होती है जो सड़े हुए फलों, सब्जियों, ब्रेड आदि पर उगती है।
क्या यह इन्फेक्शन किसी को भी हो सकता है?
स्वस्थ व्यक्तियों को आमतौर पर यह इन्फेक्शन नहीं होता, लेकिन यदि उनकी इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर हो गई हो, जैसे कि इन स्थितियों में:
- डायबिटीज मेलिटस (Diabetes Mellitus)
- कैंसर की कीमोथेरेपी
- ऑर्गन ट्रांसप्लांट के बाद
- लंबे समय तक स्टेरॉइड लेना
- ICU में भर्ती रहना
- इम्यूनोडिफिशिएंसी (AIDS जैसी बीमारियाँ)
कोविड से ठीक होने के बाद यह इन्फेक्शन क्यों हो रहा है?
कोविड के दौरान इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। मरीज को पूरी तरह ठीक होने में 1-2 महीने लगते हैं, खासकर गंभीर मामलों में। कोविड के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं, जैसे कि स्टेरॉइड्स और ऑक्सीजन, इस फंगल इन्फेक्शन की संभावना को बढ़ा देती हैं।
यह फंगस शरीर के किन हिस्सों को प्रभावित करता है?
यह फंगस सामान्यतः इन हिस्सों को प्रभावित करता है:
- राइनोसेरेब्रल (Rhinocerebral)– नाक, साइनस, आंख और दिमाग
- क्यूटेनियस (Cutaneous)– त्वचा
- पल्मोनरी (Pulmonary)– फेफड़े
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal)– पेट और आंते
इस इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं?
इस इन्फेक्शन के सामान्य लक्षण:
- साइनुसाइटिस (Sinusitis)— नाक बंद होना, काला या खून जैसा स्राव
- गाल की हड्डी पर दर्द, एक तरफ चेहरा सुन्न होना या सूजन
- नाक या तालू पर काले रंग का धब्बा
- दांतों का ढीला होना, जबड़े में इन्फेक्शन
- आंखों में धुंधला या दोहरी दिखाई देना, दर्द
- त्वचा पर काली घाव, थ्रॉम्बोसिस
- खांसी, सीने में दर्द, फेफड़ों में पानी भरना
- तेज सिरदर्द, दौरे पड़ना, कोमा
- पेट दर्द, उल्टी, मितली, पेट से खून आना
क्या यह इन्फेक्शन जानलेवा है?
इस फंगल इन्फेक्शन की मृत्यु दर 50 – 60% तक होती है। यदि समय पर इसका पता और इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकता है।
क्या हर कोविड मरीज को यह इन्फेक्शन हो सकता है?
नहीं, हर कोविड मरीज को यह इन्फेक्शन नहीं होता। लेकिन कुछ हाई–रिस्क मरीजों को कोविड के दौरान या 1 महीने के अंदर यह इन्फेक्शन हो सकता है:
- डायबिटीज(विशेष रूप से बिना कंट्रोल वाले)
- स्टेरॉइड या इम्यूनोमॉड्युलेटर दवाएं लेने वाले
- ह्यूमिडिफाइड ऑक्सीजनपर रहने वाले
- ICU में भर्ती और वेंटिलेटर पर रहने वाले
- ब्रॉड–स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक लेने वाले
क्या इस इन्फेक्शन का इलाज संभव है?
हाँ। यदि इस बीमारी के लक्षणों की पहचान जल्दी हो जाए और सही एंटी–फंगल दवाएं और इन्फेक्टेड हिस्से की सर्जिकल सफाई (Debridement) की जाए तो यह बीमारी ठीक हो सकती है।
इस घातक ब्लैक फंगस से कैसे बचें?
- डायबिटीज को कंट्रोल में रखें– नियमित शुगर मॉनिटरिंग और दवा लें
- स्टेरॉइड्स का समझदारी से उपयोग करें– केवल डॉक्टर की सलाह पर लें, ओवर-द-काउंटर सेवन से बचें
- इस इन्फेक्शन के लक्षणों की जानकारी रखें, और कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- ऑक्सीजन और वेंटिलेटर ह्यूमिडिफायर की सफाई का ध्यान रखें
सावधानी और समय पर इलाज से इस घातक इन्फेक्शन से बचा जा सकता है
