ट्रांस फैट्स के बारे में तथ्य: ट्रांस फैट्स क्या हैं, और क्या ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं?

Posted on: 14 Oct 2025

ट्रांस फैट्स के बारे में तथ्य: ट्रांस फैट्स क्या हैं, और क्या ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं?

ट्रांस फैट्स के बारे में तथ्य: ट्रांस फैट्स क्या हैं, और क्या ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं?

ट्रांस फैट्स क्या हैं?

अधिकांश व्यावसायिक रूप से उपलब्ध ट्रांस फैट्स एक औद्योगिक प्रक्रिया के माध्यम से बनाए जाते हैं जिसमें वनस्पति तेल में हाइड्रोजन मिलाया जाता है ताकि वह कमरे के तापमान पर ठोस हो जाए (वनस्पति तेलों का आंशिक हाइड्रोजनीकरण)। भारत में, वनस्पति एक सामान्य रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेल है जिसमें हानिकारक ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा अधिक होती है।

क्या ट्रांस फैट का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?

हाँ। इसे सबसे खराब प्रकार की चर्बी माना जाता है। ट्रांस फैट्स थोड़ी मात्रा में सेवन करने पर भी हानिकारक होते हैं।

तो प्रतिदिन कितनी मात्रा में ट्रांस फैट का सेवन किया जा सकता है?

WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की सिफारिश है कि ट्रांस फैट का सेवन कुल ऊर्जा सेवन के 1% से कम होना चाहिए, जो कि 2,000 कैलोरी आहार में 2.2 ग्राम/दिन से कम होता है। बाहर खाना खाने और रेस्टोरेंट में खाने की आदतें इस सेवन को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ा रही हैं। दिशानिर्देशों के अनुसार, TFA कुल वसा का 2% से अधिक नहीं होना चाहिए लेकिन कुछ ब्रांड्स की वनस्पति में यह 20-30% से अधिक होता है।

ट्रांस फैट के सामान्य स्रोत क्या हैं?

भारत में प्रचलित कई खाद्य पदार्थ जो वनस्पति से बनते हैं, उनमें ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है (कुल वसा का 40-50% से अधिक), जैसे बर्फी, गुलाब-जामुन, हलवा, जलेबी, कचौरी, चिवड़ा, बिरयानी और आलू की पूरी आदि।

हमारे ट्रांस फैटी एसिड सेवन का 80% हिस्सा औद्योगिक उत्पादों (कुकीज़, केक, पेस्ट्री, माइक्रोवेव पॉपकॉर्न, तले हुए आलू, पोटैटो चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़, सूप पाउडर) से आता है, जबकि केवल 20% ट्रांस फैट्स प्राकृतिक खाद्य जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स और मांस से आते हैं।

क्या डीप फ्राई करने से तेल में ट्रांस फैट बनता है?

तलने की सामान्य प्रक्रिया में ट्रांस फैट नहीं बनते। बिना हाइड्रोजनीकृत तेलों से तलने पर TFAs की मात्रा बहुत कम होती है। हालांकि, जब तेल को बहुत अधिक तापमान पर लंबे समय तक गर्म किया जाता है या दोबारा उपयोग किया जाता है, तब ट्रांस फैट्स बन सकते हैं।

ट्रांस फैट्स के सेवन के क्या हानिकारक प्रभाव हैं?

  • ट्रांस फैट्स खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ाते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को कम करते हैं।
  • यह शरीर में सूजन (inflammation) को बढ़ाता है जिससे डायबिटीज, हार्ट स्ट्रोक और ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
  • थोड़ी मात्रा में भी सेवन से स्वास्थ्य को नुकसान होता है।
  • अनुमान के अनुसार ट्रांस फैटी एसिड के सेवन से हर साल पूरी दुनिया में 5,00,000 मौतें होती हैं।

सरकार द्वारा ट्रांस फैटी एसिड के सेवन को कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) ने घोषणा की है कि सभी खाद्य तेल, वनस्पति, बेकरी शॉर्टनिंग, मार्जरीन, वेजिटेबल फैट स्प्रेड और मिक्स्ड फैट स्प्रेड में जनवरी 2021 तक 3% या उससे कम ट्रांस फैट्स और जनवरी 2022 तक 2% या उससे कम ट्रांस फैट्स होने चाहिए।

अगर ट्रांस फैट्स इतने हानिकारक हैं, तो क्या वसा वाले सभी खाद्य पदार्थों का सेवन कम कर देना चाहिए?

ट्रांस फैट्स के डर से नियमित रूप से खाए जाने वाले डेयरी उत्पादों और मांस से परहेज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि ये आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं और इनमें TFA की मात्रा बहुत कम होती है। वसा और तेलों का बहुत कम सेवन (जो कि कुल कैलोरी का 20% से कम हो) विटामिन E और आवश्यक फैटी एसिड की कमी का कारण बन सकता है जिससे HDL और ट्राइग्लिसराइड्स में प्रतिकूल बदलाव हो सकते हैं।

अगर रेस्टोरेंट और फूड इंडस्ट्री वनस्पति का उपयोग कम करके वैकल्पिक तेलों का उपयोग करें, तो निश्चित रूप से हार्ट डिज़ीज, डायबिटीज और ब्रेन स्ट्रोक के मामले कम होंगे।