हृदय से जुड़ी समस्याएं, खासकर हार्ट अटैक, वयस्कों में सबसे आम जानलेवा बीमारी है। लेकिन हार्ट अटैक होने पर लोगों की मौत क्यों हो जाती है?
यहाँ कुछ आम कारण दिए गए हैं जिनकी वजह से हार्ट अटैक के दौरान अचानक मौत हो सकती है:
- हार्ट मसल डैमेज की वजह से गंभीर पंपिंग समस्या:
बड़े हार्ट अटैक के दौरान, हृदय को खून पहुंचाने वाली नस 100% ब्लॉक हो जाती है। उस नस से जुड़े हृदय की मांसपेशियां मरने लगती हैं। अगर ब्लॉकेज ज्यादा देर तक रहता है, तो डैमेज एरिया बड़ा हो जाता है। यह डैमेज परमानेंट होता है। इसकी वजह से दिल की पंपिंग क्षमता कम हो जाती है, जिससे अचानक हार्ट फेलियर या डेथ हो सकती है। अगर मरीज बच जाता है, तो भविष्य में पैर सूजना, रात में खांसी आना और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं जीवन भर बनी रहती हैं। - वाल्व लीकेज (Valve Leakage):
दिल में चार मुख्य वाल्व होते हैं। हार्ट अटैक के दौरान इनमें से कोई एक (अक्सर माइट्रल वाल्व) डैमेज हो सकता है, जिससे खून का रिसाव शुरू हो जाता है। इससे फेफड़ों में पानी भरने लगता है और सांस लेने में तकलीफ होती है। अगर वाल्व फट जाए, तो शुरुआती स्टेज में सर्जरी से वाल्व की मरम्मत या बदलना पड़ सकता है। यह स्थिति जानलेवा होती है, खासकर शुरुआती समय में। - अनियमित हार्ट रेट्स (Irregular Heart Rates):
बड़ा हार्ट अटैक हार्ट रेट को बहुत तेज (300 bpm तक) और अनियमित बना सकता है। इससे अचानक मौत हो सकती है। - हार्ट ब्लॉक्स की वजह से बहुत कम हार्ट रेट:
अगर दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम को खून मिलना बंद हो जाए, तो हार्ट बीट 40 bpm से भी नीचे जा सकती है या दिल की धड़कन अचानक बंद हो सकती है जिससे मौत हो सकती है। - दिल का फटना (Rupture of the Heart):
अगर दिल की मांसपेशियों को बहुत ज्यादा डैमेज हो, तो दिल का कोई हिस्सा फट सकता है। इससे अंदर खून बहने लगता है और तुरंत मौत हो सकती है।
ऊपर बताई गई जटिलताएं तब ज्यादा होती हैं जब मरीज बहुत देर से अस्पताल पहुंचता है।
अगर ये कॉम्प्लिकेशन शुरू हो जाएं, तो नतीजे काफी खराब होते हैं – तुरंत भी और भविष्य में भी। इसलिए हमेशा यह जरूरी होता है कि हार्ट अटैक के लक्षण महसूस होते ही बिना देरी के अस्पताल पहुंचे और तुरंत इलाज करवाएं।
